कोलकाता: कलकत्ता हाई कोर्ट ने ममता बनर्जी सरकार को बड़ा झटका देते हुए 2011 से 2024 तक जारी किए गए 5 लाख ओबीसी प्रमाणपत्र रद्द कर दिए हैं। इनमें से अधिकतर प्रमाणपत्र मुस्लिम समुदाय के लोगों को जारी किए गए थे। हाई कोर्ट ने कहा कि ये प्रमाणपत्र बिना किसी मानक मानदंडों का पालन किए जारी किए गए थे, इसलिए ये असंवैधानिक हैं।
यह फैसला ममता बनर्जी सरकार के लिए बड़ी परेशानी का सबब बन सकता है, क्योंकि उन्होंने मुस्लिम समुदाय को ओबीसी श्रेणी में शामिल करने का वादा किया था। हाई कोर्ट ने अब पश्चिम बंगाल पिछड़ा वर्ग आयोग को निर्देश दिया है कि वह 1993 के पिछड़ा वर्ग आयोग अधिनियम के तहत ओबीसी की सूची तैयार करे। इस सूची में केवल वही जातियां शामिल हो सकेंगी जो 2010 तक ओबीसी समुदाय में थीं। सूची को विधानसभा से मंजूरी लेनी होगी।
यह फैसला उन लोगों को भी प्रभावित करेगा जिन्होंने इन प्रमाणपत्रों के आधार पर नौकरी हासिल की है। हाई कोर्ट ने हालांकि कहा है कि ऐसे लोगों की नौकरी नहीं जाएगी।
यह फैसला सामाजिक न्याय और समानता के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
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